भाषा शिक्षण विधियां

श्रुतलेख विधि
इस विधि में शिक्षक कुछ कठिन शब्दों का उच्चारण करता है तथा छात्र उन्हें सुनते हुए लिखते हैं। 

व्यतिरेक विधि
इस विधि में सिखाए जाने वाली द्वितीय भाषा के साथ-साथ प्रथम भाषा के नियमों को ध्यान में रखते हुए अंतर स्पष्ट किया जाता है। 

व्याकरण अनुवाद या भंडारकर विधि
इस विधि में सिखाई जाने वाली द्वितीय भाषा के व्याकरण के नियमों का प्रथम भाषा में अनुवाद कर लिया जाता है। 

कहानी कथन विधि
इस विधि के अंतर्गत शिक्षक विषय वस्तु में आए प्रसंगों को एक कहानी द्वारा स्पष्ट करते हुए पढ़ाता है। 

रसास्वादन विधि
इस विधि में शिक्षक काव्य का उचित यति गति एवं लय के साथ वाचन करता हुआ उसमें निहित रस की अनुभूति छात्रों को करवाता है। 

हरबर्ट विधि
हरबर्ट स्पेंसर ने शिक्षण को प्रभावी बनाने के लिए पाठ योजना के पांच पद दिए जिन्हें पंचपदी के नाम से जाना जाता है। 

दूरस्थ विधि या पत्राचार विधि
इस विधि में छात्र कक्षा विद्यालय तथा शिक्षक से दूर रहते हुए पत्राचार के माध्यम से ज्ञान ग्रहण करता है। 

ध्वनिसाम्य विधि

इस विधि में छात्रों के सामने एक विशिष्ट ध्वनि वाला शब्द रखा जाता है तथा छात्रों उससे मिलती जुलती ध्वनि वाले अन्य शब्दों का उच्चारण करते हैं। 

इकाई योजना
इस विधि में शिक्षक द्वारा पाठ में आए हुए मुख्य बिंदुओं को मूल इकाई के रुप में सुनिश्चित कर छात्रों को स्वाध्याय हेतु प्रेरित किया जाता है। 

खोज विधि (अनुसंधान विधि)
इस विधि में छात्र शिक्षक द्वारा निर्धारित वास्तविक अथवा काल्पनिक समस्याओं का समाधान एक खोजी के रूप में करता है।