भारत के लोक नृत्य

भारत के विविध भागों में प्रचलित लोक - कथाओं , किंवदंतियों तथा मिथकों तथा स्थानीय गीत और नृत्य परम्पराओं के मेल से मिश्रित कला की समृद्ध परंपरा तैयार हुई हैं । लोक नृत्य विधाएं , सामान्यतः स्वतः प्रवर्तित , अनगढ़ होती है तथा उन्हें किसी औपचारिक प्रशिक्षण के बिना ही लोगों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है । इस सरलता के कारण इस कला विधा को एक अन्तस्थ सौन्दर्य की प्राप्ति होती है । तथापि , ये कला विधाएं लोगों के एक विशेष वर्ग या किसी विशेष स्थान तक सीमित रह गयी हैं जिससे इसका ज्ञान पीढ़ी - दर - पीढ़ी स्थानांतरित होता रहा । 

भारत के कुछ प्रसिद्ध लोक नृत्य निम्नलिखित हैं :

1. छऊ 

छऊ शब्द छाया से निकला है जिसका अर्थ होता है- परछाई । यह मुखौटा नृत्य का एक प्रकार है , जिसमें पौराणिक कहानियों का वर्णन करने के लिए शक्तिशाली जाता है । 

छऊ नृत्य की तीन मुख्य शैलियाँ होती हैं । झारखंड में सरायकेला छऊ , ओडिशा में मयूरभंज छऊ तथा पश्चिम बंगाल में पुरुलिया छऊ । इनमें , मयूरभंज छऊ के कलाकार मुखौटे नहीं पहनते । 2010 में यूनेस्को में मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों की प्रतिनिधि सूची में छऊ का नाम सम्मिलित कर लिया ।


2. गरबा 

गरबा गुजरात का एक लोकप्रिय लोक नृत्य है , जिसे नवरात्र के अवसर पर किया जाता है । 


3. डांडिया रास

डांडिया रास गुजरात का उर्जायुक्त तथा रोचक नृत्य विधा है। 


4. तरंग मेल 

यह गोवा का लोक नृत्य है , जिसमें क्षेत्र की युवा ऊर्जा का उत्सव मनाया जाता है । इसे दशहरा तथा होली के दौरान प्रस्तुत किया जाता है । 


5. घूमर या गंगोर 

यह राजस्थान में भील जनजाति की महिलाओं द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला एक परम्परागत लोक नृत्य होता है ।


6. कालबेलिया

यह राजस्थान के कालबेलिया (सपेरा) समुदाय की महिलाओ के द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला एक भावमय नृत्य है। 


7.चारबा

यह दशहरा के उत्सव पर होने वाला हिमाचल प्रदेश का एक लोकप्रिय लोक नृत्य है। 


8. भांगड़ा/गिद्दा

यह पंजाब का लोक नृत्य है। 


9. रासलीला

ब्रज रासलीला उत्तर प्रदेश का एक लोकप्रिय लोक नृत्य हैं। 



10. दादरा

यह उत्तर प्रदेश में लोकप्रिय नृत्य का अर्द्ध शास्त्रीय रूप है। 


11. जावरा

जावरा मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में लोकप्रिय एक फसल कटाई नृत्य है। 


12. मटकी

मालवा क्षेत्र का लोकप्रिय लोक नृत्य है। 


13. गौर मारिया

गौर मारिया छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में रहने वाली मारिया जनजाति का लोक नृत्य है। 


14. अलकाप

अलकाप झारखंड की राजमहल पहाड़ियों तथा पश्चिम बंगाल के राजशाही , मुर्शिदाबाद तथा मालदा क्षेत्रों में प्रचलित एक ग्रामीण नृत्य - नाटिका प्रस्तुति है ।


15. बिरहा 

अपने रूपांतर विदेशिया के साथ बिरहा नृत्य ग्रामीण बिहार में मनोरंजन का एक लोकप्रिय माध्यम है ।


16. पैका 

पैका ओडिशा के दक्षिणी भागों में प्रस्तुत किया जाने वाला एक युद्ध संबंधी लोक नृत्य हैं । 


17.जाट - जाटिन 

जाट जाटिन बिहार के उत्तरी भागों और विशेषत : मिथिलांचल में लोकप्रिय है। 


18. झुमर ( Jhumar ) 

झूमर झारखंड तथा उड़ीसा के जनजातीय लोगों द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला एक लोकप्रिय फसल कटाई नृत्य हैं। 


19. बिहू 

बिहू असम का एक प्रसिद्ध नृत्य है , जिसे पुरुषों तथा नारियों दोनों के समूह द्वारा प्रस्तुत किया जाता है । धूम - धाम तथा उल्लास को व्यक्त करने के लिए नर्तक परम्परागत रंगीन पोशाकों में सजते हैं । इस नृत्य के सफल प्रदर्शन में समूह निर्माण , तीव्र हस्त - चालन तथा फुर्तीले कदमों की भूमिका होती है ।


20. डंडा- जात्रा 

डंडा नाटा या डंडा - जात्रा भारत की प्राचीनतम लोक कलाओं में से एक है । मुख्यतः उड़ीसा में प्रसिद्ध यह नृत्य = नाटक तथा संगीत का अनोखा मिश्रण है । यद्यपि इसमें मुख्यतः शिव की कथाएँ प्रस्तुत की जाती हैं . इसका क भाव सामाजिक समरसता तथा भाईचारा ही होता है ।