सीखने का स्थानान्तरण (Transfer of Learning)
सीखने का स्थानान्तरण (Transfer of Learning) अर्थ-जब कोई एक सीखा हुआ कार्य दूसरे सीखने के कार्य को प्रभावित करता है, तो उसे सीखने का स्थानान्तरण कहते है। इस प्रकार का स्थानान्तरण सीखने की क्रिया को सरल बनाता है। जैसे हम विद्यालय में जोड़, घटाना, गुणा आदि सीखते है और उस ज्ञान का प्रयोग बाजार में चीजे खरीदने के समय करते हैं। दूसरी ओर जब पहली सीखी गई क्रिया दूसरे सीखने की क्रिया में बाधक बनती है, तो उसे विपरीत स्थानान्तरण कहते हैं।
➡️बी0जे0-अण्डरवुड के अनुसार ‘‘वर्तमान क्रियाओं पर पूर्व अनुभवों का प्रभाव ही अधिगम स्थानान्तरण है।‘‘
➡️क्रो एण्ड क्रो के अनुसार ‘‘जब शिक्षण के एक क्षेत्र में प्राप्त विचार, अनुभव के कार्य की आदत, ज्ञान निपुणता को दूसरी परिस्थिति में प्रयोग किया जाता है, तो वह शिक्षण का स्थानान्तरण कहलाता है।‘‘
➡️ई0आर0 हिलगार्ड के अनुसार ‘‘अधिगम स्थानान्तरण में एक क्रिया का प्रभाव दूसरी क्रिया पर पड़ता है।‘‘
🎆स्थानान्तरण के प्रकार अधिगम स्थानान्तरण मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं-
⭐1.सकारात्मक स्थानान्तरण (Positive Transfer) जब पूर्व ज्ञान, अनुभव या प्रशिक्षण नये प्रकार के सीखने में सहायता देता है, तो उसे सकारात्मक स्थानान्तरण कहते हैं, जैसे-जो व्यक्ति स्कूटर चलाना जानता है उसे मोटर साइकिल चलाने में कोई कठिनाई नहीं होती है।
⭐2.नकारात्मक स्थानान्तरण (Negative Transfer) जब पूर्व ज्ञान, अनुभव या प्रशिक्षण नये प्रकार के सीखने में कठिनाई उत्पन्न करते हैं, तो उसे नकारात्मक स्थानान्तरण कहते हैं, जैसे -साईकिल के मेकेनिक को स्कूटर की मरम्मत करने में कठिनाई का अनुभव होता है।
अधिगम स्थानान्तरण के सिद्धान्त अधिगम स्थानान्तरण के कुछ सिद्धान्त निम्नवत है:-
🎆मानसिक शक्तियों का सिद्धान्त– अधिगम स्थानान्तरण का यह सबसे पुराना सिद्धान्त है। इस सिद्धान्त के अनुसार मन की शक्तियों (तर्क, ध्यान, स्मृति, कल्पना आदि) को शिक्षण के द्वारा विकसित किया जा सकता है। इस विकास का प्रभाव आगे सभी कार्यों पर पड़ता है।
समान तत्वों का सिद्धान्त-इस सिद्धान्त के प्रतिपादक थार्नडाइक है। इस सिद्धान्त के अनुसार, एक कार्य का दूसरे कार्य पर कितना स्थानान्तरण होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि दोनों कार्यों में साहचर्यात्मक तत्वों की कितनी समानता है। दो कार्यों में जितनी अधिक समानता होगी, उतना ही अधिक वे एक-दूसरे के अध्ययन में सहायक होंगे। जैसे-भूगोल का ज्ञान, इतिहास के अध्ययन में सहायता दे सकता है, परन्तु कला एवं विज्ञान के अध्ययन में नहीं।
🎆सामान्यीकरण का सिद्धान्त– इस सिद्धान्त के अनुसार यदि एक व्यक्ति अपने किसी कार्य, ज्ञान या अनुभव से कोई सामान्य नियम निकाल लेता है, तो वही दूसरी परिस्थिति में उनका प्रयोग कर सकता है, जैसे यदि शिक्षक के बाल-मनोविज्ञान का ज्ञान है, तो वह अपने इस ज्ञान का प्रयोग कक्षा की समस्याओं का समाधान करने और सफलतापूर्वक पढ़ाने के लिए कर सकता है।
सामान्य से विशिष्ट तत्वों का सिद्धान्त-इस सिद्धान्त के प्रतिपादक स्पीयरमैन है। इनके अनुसार मुख्य दो प्रकार की बुद्धि होती है-सामान्य एवं विशिष्ट योग्यता। स्थानान्तरण केवल सामान्य योग्यता का होता है जैसे यदि कोई बच्चा भूगोल, गणित, विज्ञान आदि किसी विषय का अध्ययन करता है तो वह केवल अपनी सामान्य योग्यता का ही स्थानान्तरण करता है। विशिष्ट योग्यता का स्थानान्तरण नहीं होता हैं अधिगम में स्थानान्तरण का महत्व सीखने में स्थानान्तरण का अधिक महत्व है। कुछ मनोवैज्ञानिक मानते है कि मन अनेक योग्यताओं का केन्द्र है किसी एक योग्यता का अभ्यास करने पर समस्त योग्यताओं का विकास हो जाता है। उनके अनुसार विद्यालय में विषयों का अध्ययन चरित्र और अनुशासन का विकास करता है। स्थानान्तरण के द्वारा किसी कार्य का अभ्यास करने से प्राप्त होने वाले प्रशिक्षण का दूसरी परिस्थिति में प्रयोग किया जाता है। जैसे-विद्यालय में सीखे जोड़, घटाना, गुणा आदि का प्रयोग बाजार में चीजों को खरीदते समय करते है। दो विषयों में समानता होने पर स्थानान्तरण अत्यधिक होता है, जैसे -गणित का ज्ञान भौतिकशास्त्र के अध्ययन में अत्यधिक सहायक होता है।
यदि दो विषय बिल्कुल भिन्न है तो वहां स्थानान्तरण बिल्कुल ही नहीं होगा जैसे-इंजीनियरिंग का ज्ञान दर्शनशास्त्र में सहायक नहीं होता इस प्रकार निशेधात्मक स्थानान्तरण से सदैव बचना चाहिए। ये विकास में बाधक होते हैं। स्थानान्तरण से मानसिक शक्तियों का विकास होता है, जिसका प्रयोग हम अन्य कार्यों में करते हैं। शिक्षक अधिगम के अन्तरण के द्वारा ही बच्चे के भविष्य का निर्माण होता है ।
✴️पुनरावृत्ति बिन्दु ✴️
सीखने का स्थानान्तण अधिगम की क्रिया को सरल बनाता है। स्थानान्तरण -सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों प्रकार का होता है। स्थानान्तरण से मानसिक शक्तियों का विकास होता है, जिसका प्रयोग हम अन्य कार्यों में करते हैं।
1 टिप्पणियाँ
Sir bishesh aavshykta bale bcho ko sbhi bcho k sath kaise shiksha de skte hain unke liye alg se teaching skills alg se teachears facilities but jb tet tgt me hp board ne sbke sath sman shiksha ka option diya hai
जवाब देंहटाएंThank you for your valuable response. Thank you so much.