वाइगोट्स्की के विकास का सिद्धांत Vygostsky Development Theory 
वाइगोट्स्की के सिद्धांत के अनुसार बच्चों के संज्ञानात्मक विकास में सामाजिक कारकों ( Social Factors ) एवं भाषा ( Language ) का महत्वपूर्ण स्थान है । इसलिए वाइगोट्स्की के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत को सामाजिक सांस्कृतिक सिद्धांत भी कहा जाता है । 
➡️वाइगोट्स्की के अनुसार, वास्तव में संज्ञानात्मक विकास एक अंतर्वैयक्तिक सामाजिक परि Interpersonal Social Context ) में संपन्न होता है , जिसमें बच्चों को अपने वास्तविक विकास के स्तर ( Level of Actual Development ) ( अर्थात जहाँ तक वे बिना किसी मदद के अपने ही कोई कार्य कर सकते हैं ) से अलग तथा उनके संभाव्य विकास के स्तर ( Level of Potential Development ) ( अर्थात जिसे वे सार्थक एवं महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सहायता से प्राप्त करने में सक्षम हैं ) के तरफ ले जाने की कोशिश की जाती है । इन दोनों स्तरों के बीच के अंतर को वाइगोट्स्की ने समीपस्थ विकास का क्षेत्र ( Zone of Proximal Development or ZPD ) कहा है । ➡️समीपस्थ विकास का क्षेत्र से तात्पर्य बच्चों के लिए एक ऐसे कठिन कार्यों की दूरी ( Range ) से होता है , जिसे वह अकेले नहीं कर सकता है लेकिन अन्य वयस्कों तथा कुशल सहयोगियों ( Skilled Peers ) की मदद से उसे किया जा सकता है। 
➡️वाइगोट्स्की ने संज्ञानात्मक विकास में बच्चों की भाषा एवं चिन्तन को भी महत्वपूर्ण साधन बतलाया है । इनका मत है कि छोटे बच्चों द्वारा भाषा का उपयोग सिर्फ सामाजिक संचार ( Social Communication ) के लिए नहीं किया जाता है बल्कि इसका उपयोग वे लोग अपने व्यवहार को नियोजित एवं निदेशित करने के लिए भी करते हैं । जब आत्म - नियमन ( Self - Regulation ) के लिए भाषा का उपयोग किया जाता है , तो इसे आंतरिक भाषण ( Inner Speech ) या निजी भाषण ( Private Speech ) कहा जाता है । 

वाइगोट्स्की के निकट विकास क्षेत्र ( ZPD ) में खेल का महत्व 
➡️वाइगोट्स्की का मत था कि खेल बच्चों को अपने व्यवहार पर नियन्त्रण की क्षमता देने वाला मानसिक उपकरण है । खेल में जो कल्पित स्थितियाँ खड़ी की जाती हैं , वे बच्चे के व्यवहार को एक खास तरह से नियन्त्रित करने वाली और दिशा देने वाली प्रथम बाधाएँ हैं । खेल व्यवहार को संगठित करता है । 
➡️विकास में खेल के महत्व के बारे में वाइगोट्स्की का दृष्टिकोण समन्वयकारी था । इनका मत था कि खेल संज्ञानात्मक , भावात्मक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देता है । 
➡️खेल के विकास संज्ञानात्मक और सामाजिक विकास के अलावा स्कूल संबंधी कौशलों को भी लाभ पहुँचाते हैं । अधिगम की अन्य गतिविधियों की अपेक्षा खेल के दौरान बच्चों के मानसिक कौशल उच्चतर स्तर पर होते हैं । वाइगोट्स्की ने इसे निकट विकास क्षेत्र ( ZPD ) के उच्चतर स्तर की तरह पहचाना है । वाइगोट्स्की के अनुसार खेल विकास को तीन प्रकार से प्रभावित करता है— 
( a ) खेल - कार्यों और वस्तुओं को विचार से अलग करने का काम करता है । 
( b ) खेल आत्मनियन्त्रण के विकास में सहायक होता है । 
( c ) खेल बच्चे के निकट विकास क्षेत्र का निर्माण करता है ।
निकट विकास क्षेत्र ( ZPD ) के निर्माण में खेल का महत्व वाइगोट्स्की का मत था कि ' खेल ' बच्चों के लिए निकट विकास क्षेत्र का निर्माण भी करता है । इस संबंध में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य निम्नलिखित है वाइगोट्स्की के अनुसार अधिगम तथा अन्य गतिविधियों की अपेक्षा खेल में की गई नयी विकासमान दक्षताएँ पहले प्रकट होती हैं । अतः चार साल की उम्र में बालककी आगामी सम्भावनाओं की भविष्यवाणी के लिए खेल जितना उपयुक्त है उतना अक्षर पहचानने जैसी अकादमिक गतिविधियाँ नहीं । 
➡️खेल में विकास की सारी प्रवृत्तियाँ सारभूत रूप से मौजूद होती हैं । इसमें बालक अपने सामान्य स्तर से ऊपर छलांग लगाने को तत्पर रहता है । 
➡️खेलने के लिए बालक जिस मानसिक प्रक्रिया में संलग्न ( Attached ) होता है वह निकट विकास क्षेत्र की रचना करती है । बच्चा निकट विकास क्षेत्र के उच्चतर स्तर पर काम कर सके इसके लिए कल्पित स्थितियों से प्राप्त भूमिकाएँ नियम तथा प्रेरणा सहायक सिद्ध होते हैं ।